डा. बिपिन कुमार शर्मा
विभाग प्रमुखविभाग का सूक्ष्म विवरण
सूक्ष्मजैविकी विभाग त्रिपुरा विश्वविद्यालय अगरतला में सितंबर 2011 में स्थापित हुआ यह विभाग सूक्ष्मजैविकी में एमएससी तथा पीएचडी पाठ्यक्रम प्रदान करता है। सूक्ष्मजैविकी विभाग की आधारभूत संरचना कक्षाओं तथा प्रयोगशाला नवीन उपकरणों, दृश्य श्रव्य प्रणाली तथा कम्प्यूटर प्रणाली के साथ वर्ष 2012-13 के सत्र से सुसज्जित की जा रही है। शोध हेतु मुख्य क्षेत्रों में माइक्रोबियल इकोलॉजी, फॉर्मास्युटिकल माइक्रोबायोलॉजी, फुड माइक्रोबायोलॉजी तथा अन्य अनप्रयुक्त माइक्रोबॉयोलॉजी शामिल हैं। आधुनिक विश्लेषणात्मक उपकरण, विभागीय ग्रंथालय तथा सभी छात्रों को इंटरनेट सुविधा संबंधी आधारभूत संरचनाएँ विकासशील अवस्था में हैं। प्रत्येक वर्ष 15 छात्र स्नातकोत्तर कार्यक्रम हेतु प्रवेश किये जाते हैं। सूक्ष्मजैविकी विभाग की योजना आणविक सूक्ष्मजैविकी के सीमान्त क्षेत्रों में शोध कार्य प्रारंभ करने हेतु पूर्ण रूप से सुसज्जित होना तथा औद्योगिक एवं पर्यावरणीय प्रतिदर्शों का सूक्ष्मजैविकीय एवं जैवरसायनिक विश्लेषण सम्पन्न करना है। विभाग ने पिछले दिनों ही एमएससी पाठ्यक्रम हेतु पाठ्यविवरण तैयार किया है ताकि अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार अभिनव शिक्षा प्रदान की जा सके। पाठ्यक्रम की सूची को यूजीसी-सीएआईआर नेट/डीबीटी-जेआरएफ/गेट/आईसीएमआर-जेआरएफ/आईसीएआर-जेआरएफ के अनुसार रखा गया है। विभाग नियमित रूप से संगोष्ठी, प्रश्नोत्तरी तथा यूजीसी-सीएसआईआर-नेट के छात्रों पात्रता प्राप्त करने हेतु नेट परामर्श भी प्रदान करता है। छात्र नियमित रूप से संकाय सदस्यों के साथ परिचर्चा करते रहते हैं तथा सूक्ष्मजैविकी की प्रगत शोध पर समूह परिचर्चा आयोजित होती रहती है।छात्रों को विभिन्न अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण उपकरणों के साथ इनहैन्ड एक्सपीरियेंस प्राप्त होता रहता है। विभाग प्रतिष्ठित संस्थानों, विश्वविद्यालयों, उद्योगों से विभिन्न विशेषज्ञों को छात्रों को एक्सपोजर प्रदान करने के लिए आमंत्रित करने की योजना रखता है। विभाग अपने छात्रों को नई प्रविधियों की स्थापना तथा उनके शोध विषय पर शोध आलेख लिखने हेतु प्रोत्साहित करता रहता है।
स्थापना वर्ष
2011
विभागाध्यक्ष
डा. बिपिन कुमार शर्मा