विभाग का संक्षिप्त परिचय
त्रिपुरा विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने वर्ष 2012 में मनोविज्ञान में एमए तथा पीएच.डी. पाठ्यक्रम का आरंभ किया ताकि सामाजिक विकास के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुशल मनोचिकित्सक तैयार किए जाएं। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से नैदानिक (क्लिनिकल) तथा सांस्थानिक मनोविज्ञान में विशेषज्ञता प्रदान की जाती है। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से तैयार किए जाने वाले मनोचिकित्सकों के निर्माण केदौरान इन चीजों का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है कि ये छात्र स्वरोजगार पाने योग्य बन सकें। विभाग अपने छात्रों को एक कुशल शिक्षक, परामर्शदाता, चिकित्सक, प्रशिक्षक तथा शोधार्थी के रूप में तैयार करना चाहता है इसके लिए वह मानव व्यवहार तथा मानसिक पद्धति के क्षेत्र में उन्हें उन्नत ज्ञान देने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्य कर रहा है।
विभाग के पास उपयुक्त मनोचिकित्सकीय प्रयोगशाला है जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति के विभिन्न व्यवहारिक पहलुओं को परखा जा सकता है। इतना ही नहीं, विभाग के पास एक कंप्यूटर प्रयोगशाला भी उपलब्ध है जिसके माध्यम से छात्रों को डिजिटल पुस्तकालय, कंप्यूटराइज्ड सर्वे तथा प्रयोग, शोध डेटा विश्लेषण, अन्य समान विचारधारा रखने अकादमिकों के साथ संपर्क स्थापित करना आदि कार्य किए जाते हैं। विभाग अपने छात्रों को प्रतिष्ठित पुनर्वास केन्द्र/ अस्पताल/ संस्थान आदि में इंटर्नशिप करवाता है। विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केन्द्र का भी संचालन किया जाता है ताकि विभाग के छात्रों तथा अन्य इच्छुक व्यक्तियों को समुचित परामर्श मुहैया कराया जा सके। विभाग में देश के विभिन्न भागों यथा – असम, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम, प. बंगाल तथा त्रिपुरा के बच्चे एमए तथा पीएच.डी. की पाठ्यक्रम में प्रेवश लेकर इसे सफलतापूर्वक पूर्ण करते हैं।
स्थापना वर्ष
2011
शोध के प्रमुख क्षेत्र
भावन का मनोविज्ञान (भावात्मक विज्ञान), नैदानिक मनोविज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य, तथा व्यवहार तकनीकी ।
विभागाध्यक्ष / समन्वयक
प्रो. नूतन कुमार एस. थिंगूजाम