विभाग का संक्षिप्त परिचय
रसायनशास्त्र विभाग ने अपनी यात्रा वर्ष 1976 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर केन्द्र के अंतर्गत एम.एससी. पाठ्यक्रम में 16 छात्रों के प्रवेश क्षमता के साथ प्रारंभ की, ताकि त्रिपुरा राज्य में रसायनशास्त्र का अध्ययन करने वाले छात्रों का सपना पूर्ण हो सके। प्रारंभ में केवल एम.एससी. के द्वितीय वर्ष में विश्लेषणात्मक रसायनशास्त्र की विशेषज्ञता प्रारंभ की गई। दिनांक 02 अक्टूबर, 1987 को कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर केन्द्र से त्रिपुरा विश्वविद्यालय में परिणत होने के उपरांत यहां पूर्ण रसायनशास्त्र विभाग स्थापित हुआ। संकाय सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही विभाग ने एम.एससी. के द्वितीय वर्ष में अकार्बनिक, कार्बनिक तथा भौतिक रसायन में विशेषज्ञता प्रारंभ की। दिनांक 02 जुलाई, 2007 को राज्य विश्वविद्यालय से केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तौर पर उन्नत होने के उपरांत विभाग को नई पहचान मिली। विभाग को नेट/स्लेट/गेट में अर्हता प्राप्त करने वालों छात्रों में उत्कृष्ठता प्राप्त हुई। विभाग अपने आरंभ काल से ही नवोन्मेषात्मक शोध गतिविधियों के लिए समर्पित है और इस कार्य को और समुन्नत बनाने हेतु उसे विभिन्न निधि प्रदाता एजेंसियों यथा – यूजीसी, सीएसआईआर, आईसीएमआर, डीएसटी तथा सर्ब आदि जैसे संस्थाओं से मेजर शोध परियोजनाएं रूप में वित्तीय सहायता भी मिल रहे हैं। विभाग के प्रमुख शोध-क्षेत्र में – मेडिसिनल प्लांट्स कैमिस्ट्री, सिंथेटिक ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री, ग्रीन कैमिस्ट्री, सिंथेटिक एंड स्ट्रक्चरल इनऑर्गेनिक कैमिस्ट्री, कोऑर्डिनेशन कैमिस्ट्री, सर्फेक्टैंट्स एंड कोलाइड्स आदि प्रमुख हैं। विभाग के संकाय सदस्यों का शोध-पत्र ख्यातिप्राप्त अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित होते हैं। विज्ञान एवं तकनीकी विभाग, भारत सरकार ने जनवरी, 2016 में विभाग को फिस्ट कार्यक्रम (लेवेल-1) के अंतर्गत 400 मेगाहर्ट्ज एनएमआर की खरीद के लिए रु. 1.98 करोड़ स्वीकृत किये तथा यह एनएमआर इंस्ट्रूमेंट विभाग में स्थापित किये जा चुके हैं और वह वर्तमान में परिचालित हैं। अभी तक विभाग ने 63 शोधार्थियों को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की है तथा विभाग में संप्रति, 21 शोधार्थी पीएच.डी. के शोध-कार्य में संलग्न हैं।
स्थापना वर्ष
1976 (कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर केन्द्र के तौर पर)
रसायनशास्त्र विभाग, त्रिपुरा विश्वविद्यालय (राज्य विश्वविद्यालय) – 2 अक्टूबर, 1987.
रसायनशास्त्र विभाग, त्रिपुरा विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) – 2 जुलाई, 2007.
विभागाध्यक्ष
प्रो. रणेंदु कुमार नाथ
शोध के प्रमुख क्षेत्र
- सिंथेटिक इनऑर्गेनिक कैमिस्ट्री, को-ऑर्डिनेशन कैमिस्ट्री, मेटल कंप्लेक्सेस
- सिंथेटिक ऑर्गेनिक मेथडोलॉजी, आयोनिक लिक्विड्स, ग्रीन कैमिस्ट्री, सिंथेसिस ऑफ बायोएक्टिव
- मॉलेक्यूल्स, नेचुरल प्रोडक्ट कैमिस्ट्री, सर्फेस एंड कोलाइड कैमिस्ट्री, नैनो-कैमिस्ट्री