डॉ. समीर देबबर्मा
कॉकबरक विभाग उन नए विभागों में से है जिनकी स्थापना वर्ष 2015 में हुई। कॉकबरक तिब्बती-बर्मा के बोड़ो-गारो समूह के साइनो-तिब्बतन परिवार की भाषा है जो मुख्यतौर पर पूर्वोत्तर के त्रिपुरा प्रदेश के जनजातियों द्वारा बोली जाती है। कॉकबरक को राज्य में कामकाज की भाषा के तौर पर सरकार ने वर्ष 1979 में मान्यता प्रदान की। यह भाषा त्रिपुरा के कुछ प्रमुख जनजातियों द्वारा बोली जाती हैं।
2015
कुल विजिटर्स की संख्या : 4883188
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अंतिम अद्यतनीकरण : 02/05/2024 02:03:40
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